हर लफ़्ज़ हर अल्फाज़ से परे मैंने जाना उसे हर जज़ | हिंदी Life

"हर लफ़्ज़ हर अल्फाज़ से परे मैंने जाना उसे हर जज़्बात से परे, वो मुक्कमल है खुद में ऐसे ही, जैसे कोई जवाब सवालात से परे, वो रोज़ खुद से थोड़ा बेहतर होती है, जैसे कोई एहसास हालात से परे , उसने बिन कहे भी मदद की है मेरी, जैसे कोई एहतराम इल्ज़मात से परे, कोशिश में हूँ कि उससे कुछ सीख लूँ, जैसे उसकी लगन इम्तेहान से परे , उस प्रतिभा की प्रतिभा देखी है हमने, मैंने लिखा उसे मेरे ख़यालात से परे , -Shubhra Tripathi:) ©Ibrat"

 हर लफ़्ज़ हर अल्फाज़ से परे 
मैंने जाना उसे हर जज़्बात से परे, 

वो मुक्कमल है खुद में ऐसे ही, 
जैसे कोई जवाब सवालात से परे,

वो रोज़ खुद से थोड़ा बेहतर होती है,
जैसे कोई एहसास हालात से परे ,

उसने बिन कहे भी मदद की है मेरी, 
जैसे कोई एहतराम इल्ज़मात से परे,

कोशिश में हूँ कि उससे कुछ सीख लूँ,
जैसे उसकी लगन इम्तेहान से परे ,

उस प्रतिभा की प्रतिभा देखी है हमने,
मैंने लिखा उसे मेरे ख़यालात से परे ,

-Shubhra Tripathi:)

©Ibrat

हर लफ़्ज़ हर अल्फाज़ से परे मैंने जाना उसे हर जज़्बात से परे, वो मुक्कमल है खुद में ऐसे ही, जैसे कोई जवाब सवालात से परे, वो रोज़ खुद से थोड़ा बेहतर होती है, जैसे कोई एहसास हालात से परे , उसने बिन कहे भी मदद की है मेरी, जैसे कोई एहतराम इल्ज़मात से परे, कोशिश में हूँ कि उससे कुछ सीख लूँ, जैसे उसकी लगन इम्तेहान से परे , उस प्रतिभा की प्रतिभा देखी है हमने, मैंने लिखा उसे मेरे ख़यालात से परे , -Shubhra Tripathi:) ©Ibrat

#pratibha

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