White बंजर ज़मी में भी उपवन खिल ही जाता हैं,
सुखी नदियों में एक दिन जल आ ही जाता हैं।
और तुम लाख संकल्प कर लो हम डिगेंगे नही,
सावन में प्रेम बीज अंकुरित हो ही जाता हैं।।
शिव कुशवाहा बेगाना
24/07/2024
12:00 pm
©Shiv Kushwaha
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