1. इक्क बाबा अकाल रूप दूजा रुबाबी मर्दाना।। 2. जोत रूप हर आप गुरु नानक कहायो।।
अर्थ:- आत्मिक (मन जोत के level पर) जीवन में , एक प्रकाश रूपी ज्योति जिसे हम गुरु बाबा नानक साहिब कहते है यानी जो हउमै वाली नाक काट कर ना+नाक यानी ना+नक करदे यानी मुख व मन प्रकाश करदे और दूसरा है पवन द्वारा चलने वाला मरदाना शरीर जो नाम कैसे ध्याना है नेत्रों द्वारा निराकार को कैसे ध्याना है ऐसी कथा के सुर अलापने वाला मर्दाना मुख यानी जिस मुख से परमेश्वर के सच्चे नाम को कैसे ध्याना है! ऐसी कथा निकलती हो और सब को पता है कि शारीरिक मुख सदा सुर यानी आवाज़ में बोलता है पवन द्वारा तो दूजा रुबाबी हुआ मर्द के शरीर वाला मुख जिसे हम गुरु पिता का स्थूल मर्द का शरीर भी कहते है ऐसे दूसरे नाम के स्वर छेड़ने वाले शरीर को हम मर्दाना कहते हैं जो के आज गुरु रूप खालसा जिनका मन प्रकाश हो गया हो उनका शरीर है गुरु जी का मरदाना यानी मर्द का शरीर।।
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