दुनिया हादसों के झंझावात मे है आपदाओं की बिजलियां

"दुनिया हादसों के झंझावात मे है आपदाओं की बिजलियां मानवताओं की खिड़की पर डरावनी गर्ज़न के साथ कड़क रही है। कड़ी धूप के बाद शाम की शीतलता का इंतज़ार मुकम्मल होने मे अभी लंबा वक्त है। रातों का सुकून नदारद है, अगर कुछ है तो वक्त की भयावहता से व्याप्त कोलाहल और आशांति। उम्मीदों के बुझते दीपक की मंद पड़ती रौशनी तले बैठकर इन परिस्थितियों को लिखते हुए, मुझे अफसोस हो रहा है।। @gulzarwriter ©gulzarwriter"

 दुनिया हादसों के झंझावात मे है
आपदाओं की बिजलियां मानवताओं की
खिड़की पर डरावनी गर्ज़न के साथ कड़क रही है। 
कड़ी धूप के बाद शाम की शीतलता का इंतज़ार
मुकम्मल होने मे अभी लंबा वक्त है। 
रातों का सुकून नदारद है, 
अगर कुछ है तो वक्त की
भयावहता से व्याप्त कोलाहल और आशांति। 
उम्मीदों के बुझते दीपक की
मंद पड़ती रौशनी तले बैठकर
इन परिस्थितियों को लिखते हुए, 
मुझे अफसोस हो रहा है।। 
@gulzarwriter

©gulzarwriter

दुनिया हादसों के झंझावात मे है आपदाओं की बिजलियां मानवताओं की खिड़की पर डरावनी गर्ज़न के साथ कड़क रही है। कड़ी धूप के बाद शाम की शीतलता का इंतज़ार मुकम्मल होने मे अभी लंबा वक्त है। रातों का सुकून नदारद है, अगर कुछ है तो वक्त की भयावहता से व्याप्त कोलाहल और आशांति। उम्मीदों के बुझते दीपक की मंद पड़ती रौशनी तले बैठकर इन परिस्थितियों को लिखते हुए, मुझे अफसोस हो रहा है।। @gulzarwriter ©gulzarwriter

#Light

People who shared love close

More like this

Trending Topic