White जिंदगी तुम से ही थी, तुम से थी ही बंदगी,
क्या कमी रह गई प्यार में जो तूने कर दी दिललगी।।
तुम मिले मुझे अनजानी भीड़ में, हुआ अपना मेल था,
पर मैं नही जानता था ,ये तो तेरा ही खेल था।।
राह में छोड़ दिया तूने ,राह थी जो अनजानी।
तेरे कारण ही रात दिन बहता है आँखों से पानी। ।
उन राहों में प्रेम के फूल फिर खिलाऊंगा,
"प्रेम" नहीं था कभी बेवफा, पूरी दुनिया को बताऊंगा।।।।
©जय प्रेम सोनी
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