बिना दुःख भोगे मानुष, कैसे सृजित होए। तराशे यदि नि | हिंदी विचार

"बिना दुःख भोगे मानुष, कैसे सृजित होए। तराशे यदि निष्ठा से, कोल हीरक होए ©@deep_sunshine1210"

 बिना दुःख भोगे मानुष, कैसे सृजित होए।
तराशे यदि निष्ठा से, कोल हीरक होए

©@deep_sunshine1210

बिना दुःख भोगे मानुष, कैसे सृजित होए। तराशे यदि निष्ठा से, कोल हीरक होए ©@deep_sunshine1210

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