मेरा कलयुगी क़िस्सा
मेरा क़िस्सा छोटा भले मगर शानदार होगा,
हरेक शब्द मेरा बुंलद और रुबाबदार होगा,
पात्र सारे, असल ज़िंदगी से ही उठाऊँगा मैं,
जिसका भी ज़िक्र करूँगा वो जानदार होगा,
मुझे पढ़ने वाले भी हैरानी से पढ़ेंगे हर पंक्ति,
लिखा हरेक पहलू समाज का आईनदार होगा,
हरेक के हाथ बागडोर होगी उसके फ़ैसलों की,
इस किस्से में, हर कोई अपना कमानदार होगा,
मगर हूँ कलयुगी तो झूठ भी लिखूँगा “साकेत ",
इसलिए मेरा लिखा हर क़िरदार, ईमानदार होगा।
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©Saket Ranjan Shukla
मेरा कलयुगी क़िस्सा..!
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✍🏻Saket Ranjan Shukla
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