आस्था, पवित्रता एवं सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं
जिनकी कृपा से प्रकृति की सभी छटाएँ सजती सँवरती हैं,
आभा से जिनकी माँ वसुधा, फलती-फूलती व निखरती हैं,
होता जीवनसंचार जग के कण-कण में जिनके होने मात्र से,
है जिनसे ये हरियाली चहुँ ओर एवं ऋतुएं परस्पर बदलती हैं,
जिनसे है जगजीवन चराचर, है उन्हें कर जोड़ नमन बारम्बार,
जिनसे प्रकाशमय है ब्रह्मांड सकल जिनकी महिमा अपरम्पार,
हैं जो पालनकर्ता हमारे, जीवन सृजन है सँभव जिनके होने से,
है आभारी ये जगत जिनका, करें सूर्यदेव हमारा नमन स्वीकार,
करने को धन्यवाद सप्त-रथि दिवाकर को महापर्व हम मनाते हैं,
छठी मईया की कर आराधना, दिवाकर के समक्ष शीष नवाते हैं,
पाते हैं आशीष छठी मईया का, छत्रछाया दिनकर की मिलती है,
भोग में गेहूं के ठेकुओं मौसमी फलों और गन्ने आदि भी चढ़ाते हैं,
हर ओर खुशहाली और मेलों में भी बेजोड़ का ठाठ बाट होता है,
श्रद्धालुओं से सजा, पापनाशिनी माँ गंगा का पवित्र घाट होता है,
पर्व नहीं महापर्व है ये छठ पूजा हम सनातन अनुयायियों के लिए,
अराध्य सूर्यदेव और छठी माई का हम सब पर सीधा हाथ होता है,
छठी माई के प्रसाद मात्र से भी हर दुख-दुविधा का मूलनाश होता है,
आओ बिहार तो दिखाके समझाएँ ये महापर्व क्यों इतना ख़ास होता है।
IG:- @my_pen_my_strength
©Saket Ranjan Shukla
Continue with Social Accounts
Facebook Googleor already have account Login Here