Saket Ranjan Shukla

Saket Ranjan Shukla Lives in Lakhisarai, Bihar, India

ताक़त-ए-अल्फाज़ . Quotes|Poetry|Story . स्याहीकार|Published Author . रंग छोड़ती स्याही का सहारा लेता हूँ, अनकहे जज़्बात कह देता हूँ! IG:— my_pen_my_strength

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White दर्द का इश्तिहार ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते, न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते, बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से, पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#स्याहीकार #my_pen_my_strength #विचार #brokenhearted #hindishayari #lifelessons  White दर्द का इश्तिहार 

ये नैन हमारे यूँ ही अश्क़ों को बेकार हर बार नहीं करते,
न है ऐसा कि चुभते नहीं शब्द, हमें तार-तार नहीं करते,
बटोरने को तो हम भी बटोर लाते, हमदर्द ज़माने भर से,
पर हम आपकी तरह अपने दर्द का इश्तिहार नहीं करते.!

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©Saket Ranjan Shukla

दर्द का इश्तिहार.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

13 Love

आस्था, पवित्रता एवं सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं जिनकी कृपा से प्रकृति की सभी छटाएँ सजती सँवरती हैं, आभा से जिनकी माँ वसुधा, फलती-फूलती व निखरती हैं, होता जीवनसंचार जग के कण-कण में जिनके होने मात्र से, है जिनसे ये हरियाली चहुँ ओर एवं ऋतुएं परस्पर बदलती हैं, जिनसे है जगजीवन चराचर, है उन्हें कर जोड़ नमन बारम्बार, जिनसे प्रकाशमय है ब्रह्मांड सकल जिनकी महिमा अपरम्पार, हैं जो पालनकर्ता हमारे, जीवन सृजन है सँभव जिनके होने से, है आभारी ये जगत जिनका, करें सूर्यदेव हमारा नमन स्वीकार, करने को धन्यवाद सप्त-रथि दिवाकर को महापर्व हम मनाते हैं, छठी मईया की कर आराधना, दिवाकर के समक्ष शीष नवाते हैं, पाते हैं आशीष छठी मईया का, छत्रछाया दिनकर की मिलती है, भोग में गेहूं के ठेकुओं मौसमी फलों और गन्ने आदि भी चढ़ाते हैं, हर ओर खुशहाली और मेलों में भी बेजोड़ का ठाठ बाट होता है, श्रद्धालुओं से सजा, पापनाशिनी माँ गंगा का पवित्र घाट होता है, पर्व नहीं महापर्व है ये छठ पूजा हम सनातन अनुयायियों के लिए, अराध्य सूर्यदेव और छठी माई का हम सब पर सीधा हाथ होता है, छठी माई के प्रसाद मात्र से भी हर दुख-दुविधा का मूलनाश होता है, आओ बिहार तो दिखाके समझाएँ ये महापर्व क्यों इतना ख़ास होता है। IG:- @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#स्याहीकार #महापर्व #छठपूजा #my_pen_my_strength #कविता  आस्था, पवित्रता एवं सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं

जिनकी कृपा से प्रकृति की सभी छटाएँ सजती सँवरती हैं,
आभा से जिनकी माँ वसुधा, फलती-फूलती व निखरती हैं,
होता जीवनसंचार जग के कण-कण में जिनके होने मात्र से,
है जिनसे ये हरियाली चहुँ ओर एवं ऋतुएं परस्पर बदलती हैं,

जिनसे है जगजीवन चराचर, है उन्हें कर जोड़ नमन बारम्बार,
जिनसे प्रकाशमय है ब्रह्मांड सकल जिनकी महिमा अपरम्पार,
हैं जो पालनकर्ता हमारे, जीवन सृजन है सँभव जिनके होने से,
है आभारी ये जगत जिनका, करें सूर्यदेव हमारा नमन स्वीकार,

करने को धन्यवाद सप्त-रथि दिवाकर को महापर्व हम मनाते हैं,
छठी मईया की कर आराधना, दिवाकर के समक्ष शीष नवाते हैं,
पाते हैं आशीष छठी मईया का, छत्रछाया दिनकर की मिलती है,
भोग में गेहूं के ठेकुओं मौसमी फलों और गन्ने आदि भी चढ़ाते हैं,

हर ओर खुशहाली और मेलों में भी बेजोड़ का ठाठ बाट होता है,
श्रद्धालुओं से सजा, पापनाशिनी माँ गंगा का पवित्र घाट होता है,
पर्व नहीं महापर्व है ये छठ पूजा हम सनातन अनुयायियों के लिए,
अराध्य सूर्यदेव और छठी माई का हम सब पर सीधा हाथ होता है,

छठी माई के प्रसाद मात्र से भी हर दुख-दुविधा का मूलनाश होता है,
आओ बिहार तो दिखाके समझाएँ ये महापर्व क्यों इतना ख़ास होता है।

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आस्था, पवित्रता एवं सूर्य उपासना के चार दिवसीय महापर्व छठ की हार्दिक शुभकामनाएं.! #छठ #महापर्व #छठपूजा #my_pen_my_strength #स्याहीकार प्रेरणादायी कविता हिंदी

10 Love

यम द्वितीया एवं भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं बड़ा अनोखा और बड़ा अनूठा सा ये त्योहार है, बहनों की गालियों से भी झलकता उनका प्यार है, यमराज से हमारे लिए लंबे जीवन का वर माँगती हैं, बदले में बस हम भाइयों का स्नेह और प्यार चाहती हैं, भाई दूज का त्योहार ये हर बार नई यादें लेकर आता है, बहन भाई के झगड़े में भी छुपे हुए प्यार को समझाता है, यमराज और यमुनाजी का एक किस्सा भी बड़ा विख्यात है, बहनें करती हैं पूजा और हम भाईयों को मिलता आशीर्वाद है, बजरी का प्रसाद देकर हम भाईयों को वज्र सा कठोर बनाती हैं, हमारी बहनें गालियों के सहारे ही हम भाईयों की उम्र बढ़ाती हैं। IG :– @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#भाईबहनकाप्यार #स्याहीकार #भाईदूज #my_pen_my_strength #कविता  यम द्वितीया एवं भाई दूज की हार्दिक शुभकामनाएं 

बड़ा अनोखा और बड़ा अनूठा सा ये त्योहार है,
बहनों की गालियों से भी झलकता उनका प्यार है,
यमराज से हमारे लिए लंबे जीवन का वर माँगती हैं,
बदले में बस हम भाइयों का स्नेह और प्यार चाहती हैं,

भाई दूज का त्योहार ये हर बार नई यादें लेकर आता है,
बहन भाई के झगड़े में भी छुपे हुए प्यार को समझाता है,
यमराज और यमुनाजी का एक किस्सा भी बड़ा विख्यात है,
बहनें करती हैं पूजा और हम भाईयों को मिलता आशीर्वाद है,

बजरी का प्रसाद देकर हम भाईयों को वज्र सा कठोर बनाती हैं,
हमारी बहनें गालियों के सहारे ही हम भाईयों की उम्र बढ़ाती हैं।

IG :– @my_pen_my_strength

©Saket Ranjan Shukla

यम द्वितीया एवं भाईदूज की हार्दिक शुभकामनाएं.! #Bhaidooj #भाईदूज #भाईबहनकाप्यार #Hindi #स्याहीकार #my_pen_my_strength हिंदी कविता

12 Love

White लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं लौटें हैं राम अयोध्या, दीपोत्सव सम्पूर्ण भारतवर्ष मनाएगा, भू सजेगी रंगोलियों से, आकाशदीपों से गगन जगमगाएगा, अग्निक्रीड़ा से कर निशा गुंजित, जग ये हर्ष में डूबा जाएगा, बाँट सोहन पापड़ी व मिष्ठान, संसार हर बैर से मुक्ति पाएगा, जागेगी रजनी भी, तम पर दीपकों की आभा विजय पाएगी, नकारात्मक कोलाहल को अग्निक्रीड़ाओं की ध्वनि हराएगी, धान के लावे और शक्कर के सांचे से कड़वाहट मिट जाएगी, भर उन्हें घरौंदे में हर बहन, माँ लक्ष्मी को निमंत्रण भिजवाएगी, सियाराम व लखन लौटे अवध एवं धरा पर माँ लक्ष्मी पधारी हैं, समृद्धिदात्री, हरिवल्लभी, सिंधुसुता माँ पद्मालया अति न्यारी हैं, जगपालक श्रीहरि के जग संचालन में माँ भार्गवी ही सहकारी हैं, निर्धनों को समृद्धि व समृद्धों को संतुष्टि देती माँ सर्वहितकारी हैं, तो आओ दीपों के इस पर्व दीपावली को कुछ इस तरह मनाते हैं, कर प्रज्ज्वलित दीपक घर-आँगन में, अंतर्मन के तम को डराते हैं, करके पूजा-अर्चना माँ रमा, धनेश और विनायक की पूर्णश्रद्धा से, और लगाकर जयकारा श्री राम का दुःख और दारिद्र्य दूर भगाते हैं। IG :– @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#बोलतीकविताओंकासंग्रह #स्याहीकार #दीपावली2024 #काव्यSaga #my_pen_my_strength #कविता  White लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं 

लौटें हैं राम अयोध्या, दीपोत्सव सम्पूर्ण भारतवर्ष मनाएगा,
भू सजेगी रंगोलियों से, आकाशदीपों से गगन जगमगाएगा,
अग्निक्रीड़ा से कर निशा गुंजित, जग ये हर्ष में डूबा जाएगा,
बाँट सोहन पापड़ी व मिष्ठान, संसार हर बैर से मुक्ति पाएगा,

जागेगी रजनी भी, तम पर दीपकों की आभा विजय पाएगी,
नकारात्मक कोलाहल को अग्निक्रीड़ाओं की ध्वनि हराएगी,
धान के लावे और शक्कर के सांचे से कड़वाहट मिट जाएगी,
भर उन्हें घरौंदे में हर बहन, माँ लक्ष्मी को निमंत्रण भिजवाएगी,

सियाराम व लखन लौटे अवध एवं धरा पर माँ लक्ष्मी पधारी हैं, 
समृद्धिदात्री, हरिवल्लभी, सिंधुसुता माँ पद्मालया अति न्यारी हैं,
जगपालक श्रीहरि के जग संचालन में माँ भार्गवी ही सहकारी हैं,
निर्धनों को समृद्धि व समृद्धों को संतुष्टि देती माँ सर्वहितकारी हैं,

तो आओ दीपों के इस पर्व दीपावली को कुछ इस तरह मनाते हैं,
कर प्रज्ज्वलित दीपक घर-आँगन में, अंतर्मन के तम को डराते हैं,
करके पूजा-अर्चना माँ रमा, धनेश और विनायक की पूर्णश्रद्धा से,
और लगाकर जयकारा श्री राम का दुःख और दारिद्र्य दूर भगाते हैं।

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लक्ष्मी पूजन एवं दीपों के पर्व दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

11 Love

White अच्छा लगा मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा, दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा, मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम, ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा, ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे, सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा, मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे, अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा, खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा। IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#बोलतीकविताओंकासंग्रह #स्याहीकार #काव्यSaga #my_pen_my_strength #कविता #lessonlearned  White अच्छा लगा 

मुझे अरसों बाद मुझसे जुड़ा हर धागा कच्चा लगा,
दिल मेरा लगा नासमझ मुझे, बिल्कुल बच्चा लगा,

मेरी सुनता ही नहीं है ये, करता है मनमानी हरदम,
ठीक ही तो हुआ, जो इसे दिली खेल में गच्चा लगा,

ज़्यादा ज़िंदादिली सही नहीं, समझाया था मैंने इसे,
सब जानते-बूझते ही इसे ठेस लगी ये, ये धक्का लगा,

मेरी छोड़, सबकी बातों में आने की लत लगी थी इसे,
अब मिलने लगे हैं धोखे, तो मैं हमदर्द इसे सच्चा लगा,

खैर अब सँभाल लेगा “साकेत“, जो भी होगा आगे से, 
जो ज़ख्म दे गए थे अब हाल लेने आए हैं, अच्छा लगा।

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अच्छा लगा.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

14 Love

White हर आवारा बर्बाद नहीं होता हम न ठहरते सफ़र में कहीं तो ये फसाद नहीं होता, सब सही ही रहता अगर ये दिल आज़ाद नहीं होता, करके गलती ये मुसाफिर को ही हमसफ़र मान बैठा, फूटे हैं करम बस हमारे, हर आवारा बर्बाद नहीं होता.! IG :— @my_pen_my_strength ©Saket Ranjan Shukla

#स्याहीकार #आवारगी #my_pen_my_strength #शायरी #hindishayari #lifelessons  White हर आवारा बर्बाद नहीं होता

हम न ठहरते सफ़र में कहीं तो ये फसाद नहीं होता,
सब सही ही रहता अगर ये दिल आज़ाद नहीं होता,
करके गलती ये मुसाफिर को ही हमसफ़र मान बैठा,
फूटे हैं करम बस हमारे, हर आवारा बर्बाद नहीं होता.!

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हर आवारा बर्बाद नहीं होता.! . ✍🏻Saket Ranjan Shukla All rights reserved© . Like≋Comment Follow @my_pen_my_strength .

15 Love

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