एक माँ का किरदार समाज का दिया हुआ और फितरत का वसूल है इस मे एहसान जैसा कुछ नहीं है माँ बच्चों का बोझ उठाती है एक वजूद का दुनिया में आना उन ही के वचन का कारण है जो खुद ना खा सकता ना पी सकता इस लिए चेतना आने तक सारी जिम्मेदारी उन का पहला फ़र्ज़ है अगर माँ बाप ना चाहते तो एक इंसान का आना मुमकिन न था और माँ बाप आजाद थे इस लिए जो अमल हुआ है उसके जिम्मेदार आप हैं
©Ashab Khan
#akelapan