शीर्षक
(आने में अब तू देर ना करना)
इंतजार रहेगा मुझे तेरे इंसाफ का ।
तू ही करेगा अंत दुष्टों के पाप का।
धर्म से अधर्म भला कब तक लड़ेगा ।
कभी तो अधर्म का मस्तक झुकेगा।
मैंने किया नही कुछ भी गलत है।
तुमको को तो भोले सबकी खबर है।
मैं हूं सही ये तुमको पता है।
फिर तू क्यों ऐसे चुप बैठा है।
आने में अब तू देर ना करना।
गलती को उसके माफ ना करना।
जिसने हमको बहुत सताया।
झूठ फरेब का जाल बिछाया ।
देना सजा तुम उसको भारी।
मांगे ये तुमसे आज बेटी तुम्हारी ।
जय भोले नाथ की
नाम, आशू द्विवेदी
©Ashu Dwivedi
# आने में अब तू देर ना करना