गर्दिश में जब मिलोगे
तो मंज़र कुछ ऐसा होगा
चांद , सूरज , नक्षत्रों के साथ
तारों भरा समंदर होगा
जिस पल हम दोनों की
हथेलियां टकरायेगी
और आत्माएं सुलग जाएंगी
तब समझना उठा कहीं
इश्क का बवंडर होगा
चांद , सूरज , नक्षत्रों के साथ
तारों भरा समंदर होगा ।।
कविता