साहित्य मानवीय मूल्यों का संचार कर, समाज में नैति | हिंदी Poetry

"साहित्य मानवीय मूल्यों का संचार कर, समाज में नैतिकता स्थापित करती है। विज्ञान के चमत्कार ,अहंकार के राग को, शांत कर सत्व की समरसता का संचार करती है। शिष्टाचार सिखाती है, जन-जन के हृदय में प्रेम जगाती है। पशुता मिटाती है ,मानव को मानव बनाती है। है इसके विविध रूप ,प्रसार फैला इसका दूर-दूर कहानी ,कविता, आत्मकथा ,एकांकी से भरपूर नाटक, गीत, सिनेमा रूप इसके है मशहूर युद्ध का कारण बनता विज्ञान ,शांति फैलाती साहित्य महान कर्म है इसका शांतिदूत, इसके बिना बने मानव मशीन रूप ©rupa prasad"

 साहित्य

मानवीय मूल्यों का संचार कर,
समाज में नैतिकता स्थापित करती है।
विज्ञान के चमत्कार ,अहंकार के राग को,
शांत कर सत्व की समरसता का संचार करती है।

शिष्टाचार सिखाती है, जन-जन के हृदय में प्रेम जगाती है।
पशुता मिटाती है ,मानव को मानव बनाती है।

है इसके विविध रूप ,प्रसार फैला इसका दूर-दूर
कहानी ,कविता, आत्मकथा ,एकांकी से भरपूर
नाटक, गीत, सिनेमा रूप इसके है मशहूर


युद्ध का कारण बनता विज्ञान ,शांति फैलाती साहित्य महान
कर्म है इसका शांतिदूत, इसके बिना बने मानव मशीन रूप

©rupa prasad

साहित्य मानवीय मूल्यों का संचार कर, समाज में नैतिकता स्थापित करती है। विज्ञान के चमत्कार ,अहंकार के राग को, शांत कर सत्व की समरसता का संचार करती है। शिष्टाचार सिखाती है, जन-जन के हृदय में प्रेम जगाती है। पशुता मिटाती है ,मानव को मानव बनाती है। है इसके विविध रूप ,प्रसार फैला इसका दूर-दूर कहानी ,कविता, आत्मकथा ,एकांकी से भरपूर नाटक, गीत, सिनेमा रूप इसके है मशहूर युद्ध का कारण बनता विज्ञान ,शांति फैलाती साहित्य महान कर्म है इसका शांतिदूत, इसके बिना बने मानव मशीन रूप ©rupa prasad

#शांतिदूत #साहित्य #litrature

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