गरीबी के रंग समेट कर रखते है घर में। यादों के झिलम

"गरीबी के रंग समेट कर रखते है घर में। यादों के झिलमिल सितारों संग रहते है घर में। पूछ लेते है कभी-कभी इनसे सब ठीक है ना अब? मुस्कुरा कर कहते है हमसे तेरी अदा पर निसार है हम! /Neha Narayan Singh."

 गरीबी के रंग समेट कर रखते है घर में।
यादों के झिलमिल सितारों संग रहते है घर में।
पूछ लेते है कभी-कभी इनसे सब ठीक है ना अब? 
मुस्कुरा कर कहते है हमसे तेरी अदा पर निसार है हम! 

                               /Neha Narayan Singh.

गरीबी के रंग समेट कर रखते है घर में। यादों के झिलमिल सितारों संग रहते है घर में। पूछ लेते है कभी-कभी इनसे सब ठीक है ना अब? मुस्कुरा कर कहते है हमसे तेरी अदा पर निसार है हम! /Neha Narayan Singh.

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