मैं प्यास कहूं, वो पास आए
मैं उम्मीद दूं, वो एहसास लाए।
मैं प्यास कहूं , वो पास आए
मैं राज दूं, वो अल्फाज़ बनाए।
मैं प्यास कहूं,वो पास आए
मैं मुस्कुराऊं, वो कारण कहलाए।
प्रेम स्बंध कुछ ऐसा है हमारा कि
ज़िंदगी हम जीए, और किस्सा इतिहास बताए।
©Dr DharmenderYadav
मैं प्यास कहूं ,वो पास आए.......