जब युवा भविष्य की तरफ उन्मुख है, बृद्ध संस्मरण की यादों में खोया है। फिर बर्तमान जो सत्य हैं उसे कौन जी रहा है। भविष्य कल्पनाओं में हैं। अतीत भूत बन गुजर चुका है। फिर बर्तमान जो सबका निर्दोष होता है। उसकी सुध कौन लेगा।
©Gautam Bisht
#उत्तराखंड
#Winter