My dear poem writer binda seehra जिनके ज़मीर ज़िन्दा

"My dear poem writer binda seehra जिनके ज़मीर ज़िन्दा वो सच्च को सच्च बताते बुज़दिल होते वो जो झूठ का दिया पीते खाते मरके भी नहीं छूटते जो होते सच्चे रिश्ते नाते चैन से जीते वो ही जो दूसरों को नहीं सताते असल पत्रकार वो जो हकीकत को दिखाते सूरमे होते वो seehra जो ज़माना बदल जाते मक्कार कभी ना दोस्तो क्रान्ति के हक में आते अच्छो को सदैव अच्छे बुरों को बुरे ही भाते जैसा जैसा हम सोचते वैसे ही बनते जाते अच्छा लगे तो share करें"

 My dear poem writer binda seehra
जिनके ज़मीर ज़िन्दा वो सच्च को सच्च बताते 
बुज़दिल होते वो जो झूठ का दिया पीते खाते
मरके भी नहीं छूटते जो होते सच्चे रिश्ते नाते
चैन से जीते वो ही जो दूसरों को नहीं सताते
असल पत्रकार वो जो हकीकत को दिखाते
सूरमे होते वो seehra जो ज़माना बदल जाते
मक्कार कभी ना दोस्तो क्रान्ति के हक में आते
अच्छो को सदैव अच्छे बुरों को बुरे ही भाते
जैसा जैसा हम सोचते वैसे ही बनते जाते

अच्छा लगे तो share करें

My dear poem writer binda seehra जिनके ज़मीर ज़िन्दा वो सच्च को सच्च बताते बुज़दिल होते वो जो झूठ का दिया पीते खाते मरके भी नहीं छूटते जो होते सच्चे रिश्ते नाते चैन से जीते वो ही जो दूसरों को नहीं सताते असल पत्रकार वो जो हकीकत को दिखाते सूरमे होते वो seehra जो ज़माना बदल जाते मक्कार कभी ना दोस्तो क्रान्ति के हक में आते अच्छो को सदैव अच्छे बुरों को बुरे ही भाते जैसा जैसा हम सोचते वैसे ही बनते जाते अच्छा लगे तो share करें

#legend #bindaseehra #thankyouji

People who shared love close

More like this

Trending Topic