White कर रही अफसोस जाहिर,कातिल हवाऐं,
माफीनामा लिख रही, काफिर हवाऐं।
डालियां फिर क्या, तने से जुड़ सकेंगी,
फिर रुदन क्यों, कर रही शातिर हवाऐं।
फिर किसी अनुबंध की, बातें चलेंगी,
फिर नये संबंध की, बातें चलेंगी।
दस्तावेज़ो पर कलम, दस्तख़त करेगी,
अब कभी मदहोश ना, होगी हवाऐं?
..…..…....….. मनीष तिवारी
©Manish ghazipuri
#GoodMorning जाहिलो की टोली