ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते जो ज़ख़्म तू ने | English Shayari V

"ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया तिरे असीर किसी के हुआ नहीं करते ये आइनों की तरह देख-भाल चाहते हैं कि दिल भी टूटें तो फिर से जुड़ा नहीं करते वफ़ा की आँच सुख़न का तपाक दो इन को दिलों के चाक रफ़ू से सिला नहीं करते जहाँ हो प्यार ग़लत-फ़हमियाँ भी होती हैं सो बात बात पे यूँ दिल बुरा नहीं करते हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी मुकालमे का अगर सिलसिला नहीं करते जो हम पे गुज़री है जानाँ वो तुम पे भी गुज़रे जो दिल भी चाहे तो ऐसी दुआ नहीं करते हर इक दुआ के मुक़द्दर में कब हुज़ूरी है तमाम ग़ुंचे तो 'अमजद' खिला नहीं करते अमजद इस्लाम अमजद"

ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया तिरे असीर किसी के हुआ नहीं करते ये आइनों की तरह देख-भाल चाहते हैं कि दिल भी टूटें तो फिर से जुड़ा नहीं करते वफ़ा की आँच सुख़न का तपाक दो इन को दिलों के चाक रफ़ू से सिला नहीं करते जहाँ हो प्यार ग़लत-फ़हमियाँ भी होती हैं सो बात बात पे यूँ दिल बुरा नहीं करते हमें हमारी अनाएँ तबाह कर देंगी मुकालमे का अगर सिलसिला नहीं करते जो हम पे गुज़री है जानाँ वो तुम पे भी गुज़रे जो दिल भी चाहे तो ऐसी दुआ नहीं करते हर इक दुआ के मुक़द्दर में कब हुज़ूरी है तमाम ग़ुंचे तो 'अमजद' खिला नहीं करते अमजद इस्लाम अमजद

#darkness

ये और बात है तुझ से गिला नहीं करते
जो ज़ख़्म तू ने दिए हैं भरा नहीं करते

हज़ार जाल लिए घूमती फिरे दुनिया
तिरे असीर किसी के हुआ नहीं करते

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