कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की श | हिंदी शायरी

"कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का है. ©Sandeep Kumar"

 कुछ नशा तिरंगे की आन का है, 
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, 
हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है.

©Sandeep Kumar

कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है, हम लहराएँगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान की शान का है. ©Sandeep Kumar

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