सोचूँ , जबान पर ताले लगाऊँ पर , फिर वही गलती दो

"सोचूँ , जबान पर ताले लगाऊँ पर , फिर वही गलती दोहराऊँ गलती पर अपनी पछताऊँ शर्म से नीचे गड़ती जाऊँ अपनी इस आदत को सुधार न पाऊँ कहो ,कौन-सा वैद बुलवाऊँ?"

 सोचूँ , 
जबान पर ताले लगाऊँ 
पर , 
फिर वही गलती दोहराऊँ 

गलती पर अपनी पछताऊँ 

शर्म से नीचे गड़ती जाऊँ 

अपनी इस आदत को सुधार न पाऊँ 

कहो ,कौन-सा वैद बुलवाऊँ?

सोचूँ , जबान पर ताले लगाऊँ पर , फिर वही गलती दोहराऊँ गलती पर अपनी पछताऊँ शर्म से नीचे गड़ती जाऊँ अपनी इस आदत को सुधार न पाऊँ कहो ,कौन-सा वैद बुलवाऊँ?

#DesertWalk

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