जनाज़े पे तो अक्सर रूठे भी मिलने आते हैं।
और मुंसिफ़ के दरवाज़े झूठे भी मिलने आते हैं।
चुनावों के मौसम में बाहर निकल के देखा करो,
पढ़े लिखों के घर ॲंगूठे भी मिलने आते हैं।
ये कैसी शादी की रस्में जहाॅं हुस्न की नुमाइश हो,
हसीनाओं से काले कलूटे भी मिलने आते हैं।
अगर वक़्त ख़राब हो तो अपने भी भाग जायेंगे,
कब-कब के पुराने दोस्त, छूटे भी मिलने आते हैं।
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं कुछ दिन बीमार हो जाऊॅं,
सुना है ऐसे में रिश्ते, टूटे भी मिलने आते हैं।
अमीरी का जलवा भी कितना गज़ब ढा जाता है,
नई-नई किस्म के, अनूठे भी मिलने आते हैं।
वैसे मयकदों में दिल वालों की महफ़िल सजती है,
लेकिन मय से कुछ दिल के टूटे भी मिलने आते हैं।
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