वो मुंसिफ ही कैसा जो महज दलीलों पर एतबार करें, दस् | हिंदी शायरी Video

"वो मुंसिफ ही कैसा जो महज दलीलों पर एतबार करें, दस्तावेजों की जुबां बडी दूर तलक जाती हैं । ये इल्म-ए-जमाना हैं, फकत दलीलों पर एतबार न कर, दलीलों की खता दस्तावेजों से नापी जाती है । ©Sarika Vahalia "

वो मुंसिफ ही कैसा जो महज दलीलों पर एतबार करें, दस्तावेजों की जुबां बडी दूर तलक जाती हैं । ये इल्म-ए-जमाना हैं, फकत दलीलों पर एतबार न कर, दलीलों की खता दस्तावेजों से नापी जाती है । ©Sarika Vahalia

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