Sarika Vahalia

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a human being

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White छोड दिया है उन राहों को जहाँ काँटे ही चुभोते थे हर कोई, हमें फ़र्क ही नहीं पड़ता अब, की हमने सबसे माफ़ी ही माँग ली है, किससे कहें कुछ भी जब सब सही है अपने जेहन में, हम सबसे हटना चाहते हैं कोई मज़ा नहीं है अब जीवन मे! मौसम बदले, मंजर बदला न बदला उसका व्यावहार, कैसे तेरे साथ में जीउ, जब तुझसे न मुझको प्यार। ©Sarika Vahalia

#कविता #sad_quotes  White छोड दिया है उन राहों को जहाँ काँटे ही चुभोते थे हर कोई,  हमें फ़र्क ही नहीं पड़ता अब, की हमने सबसे माफ़ी ही माँग ली है, किससे कहें कुछ भी जब सब सही है अपने जेहन में, हम सबसे हटना चाहते हैं कोई मज़ा नहीं है अब जीवन मे!  मौसम बदले,  मंजर बदला न बदला उसका व्यावहार,  कैसे तेरे साथ में जीउ, जब  तुझसे न  मुझको प्यार।

©Sarika Vahalia

#sad_quotes

13 Love

#कविता #sad_shayari  White सोचतीं हूँ इक दिन तुमसे मिलूँगी तो कह दूँगी सारी बातें जो कभी तुम्हारे ख्यालों में ख़ुद से की थीं,  फ़िर सोचतीं हूँ क्या कभी हम मिलेंगे इतने इत्मीनान से,  और क्या सच मैं कह भी पाऊँगी या तुम्हें देख कर ढह ही जाऊँगी,  तुम ही मेरे आदि मेरे अंत,  की तुमसे मेरा प्रेम अनंत।

©Sarika Vahalia

#sad_shayari

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#शायरी #love_shayari  White तुम्हें हमने इतना चाहा ये गलत न था, बस तुम्हें जताना ही गलत हो गया, और  तुम हो गए मगरूर इतने की फ़िर मेरी चाहत को ठुकराना गलत हो गया ।

©Sarika Vahalia

#love_shayari

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#शायरी #Sad_shayri  White लग गईं आग उसको बुझाने की ज़रूरत नहीं, तुमसे हैं फ़रियाद मुझे मनाने की ज़रूरत नहीं, की तुमसे बस सोहबत की दरख्वास्त थीं  की तुम कभी मिले ही नहीं की बात हो, अब तो कयामत भी आ जाए तो तुम्हें मुझसे मिलने की ज़रूरत नहीं।

©Sarika Vahalia

#Sad_shayri

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#शायरी #alone  वो मुंसिफ ही कैसा जो महज दलीलों पर एतबार करें, दस्तावेजों की जुबां बडी दूर तलक जाती हैं । ये इल्म-ए-जमाना हैं, फकत दलीलों पर एतबार न कर, दलीलों की खता दस्तावेजों से नापी जाती है ।

©Sarika Vahalia

#alone

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#कविता #mothers_day  White तपते रेगिस्तान में वृक्ष जैसी, माँ बस तू ही है मेरी सच्ची हितैषी, तू है तो निश्चित हूँ,  कर्मों से न विचलित हूँ, तू ही तो मेरी रक्षक और मित्र जैसी, बस माँ तू ही मेरी सच्ची हितैषी।  अच्छा बुरा बस तुझसे कहना, मन को खंगाल कर तेरे सामने रखना, बस मेरी आदत है कुछ ऐसी, माँ तू ही है मेरी सच्ची हितैषी।जब तक तू  हैं मैं आश्वस्त हूँ,  मजबूत हूँ, निर्भीक हूँ, तू ही तो रक्षा कवच जैसी, माँ तू ही मेरी सच्ची हितैषी। कभी मुझसे न रूठना तुम,  न कभी दूर ही जाना, मैं तेरी परछाई और तुझ जैसी, माँ तू ही तो मेरी सच्ची हितैषी।

©Sarika Vahalia

#mothers_day

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