Revenge न छेड़ दिल को मेरे, दर्द का अंगार लिए फिर | हिंदी कविता Video

"Revenge न छेड़ दिल को मेरे, दर्द का अंगार लिए फिरता हूँ, चुप्पी बस तूफ़ान की शुरुआत, और राख में चिंगारियों की बयार लिए गुजरता हुँ। जख्मों की बात न कर, मैं तो फ़सानो की आड़ में महफ़िल-ए-चिराग भरता हूँ, न छेड़ दिल को मेरे, दर्द का अंगार लिए फिरता हूँ। ©Prashant Roy "

Revenge न छेड़ दिल को मेरे, दर्द का अंगार लिए फिरता हूँ, चुप्पी बस तूफ़ान की शुरुआत, और राख में चिंगारियों की बयार लिए गुजरता हुँ। जख्मों की बात न कर, मैं तो फ़सानो की आड़ में महफ़िल-ए-चिराग भरता हूँ, न छेड़ दिल को मेरे, दर्द का अंगार लिए फिरता हूँ। ©Prashant Roy

न छेड़ दिल को मेरे....... @Rakesh Srivastava @Suruchi Roy @Swati Srivastava laprek @Prem Lata Solanki

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