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मैं ना कवयित्री हूँ ना शायर हूँ ना ही गीतकार हूँ मैं महज एक रचनाकार हूँ
Prem Lata Solanki
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लबो से ही आग उगलता है या दिल मे भी है नकाब बाहर ही रखता है या दिल मे भी है। "प्रेमलता सोलंकी प्रेम " ©Prem Lata Solanki
30 Love
बमुश्किल खुद को सम्भालने लगे थे सम्भले ही नही तुम फिर से पुकारने लगे थे प्रेमलता सोलंकी "प्रेम " ©Prem Lata Solanki
तुम खुद को मेरे साथ शेर समझते हो नाचिज़ की दाद दो जो शेर को पालते है। "प्रेमलता सोलंकी प्रेम" ©Prem Lata Solanki
28 Love
तू नही है तो तेरी यादे क्यू है बिन मौसम की बरसाते क्यू है प्रेमलता सोलंकी "प्रेम" ©Prem Lata Solanki
34 Love
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