"अब नहीं ये दिल सबको अपना मानने लगा है
नक़ाब से छुपा चेहरा भी अब ये पहचानने लगा है
मैं बारिश में भी पहचानता था जिसकी आंख के आंसू
मुझसे बेहतर उसे अब कोई और जानने लगा है
-Nitin-"
अब नहीं ये दिल सबको अपना मानने लगा है
नक़ाब से छुपा चेहरा भी अब ये पहचानने लगा है
मैं बारिश में भी पहचानता था जिसकी आंख के आंसू
मुझसे बेहतर उसे अब कोई और जानने लगा है
-Nitin-