तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी कभी दिल किसी से लगा कर तो देखो
तुम्हारे ख्यालों की दुनिया यही है ज़रा मेरी बाहों में आ कर तो देखो
देख के मुझे क्यूँ तुम देखते नहीं यार ऐसी बेरुखी सही तो नहीं
रात दिन जिसे माँगा था दुआओं में देखो गौर से मैं वोही तो नहीं
मैं वो टंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना मैं वो रंग हूँ जो चढ़ के कभी छूटे ना दामन से
तुम्हें प्यार से प्यार होने लगेगा तुम्हे प्यार से प्यार होने लगेगा मेरे साथ शामें बिताकर तो देखो तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो
दिल की कहूं
तेरे लिए मैं जियूं तुझपे ही मैं जान दूँ दिल की सुनु इश्क़ है दिल्लगी नहीं दिल्लगी दिल्लगी नहीं
तुम्हें दिल्लगी भूल जानी पड़ेगी मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो मोहब्बत की राहों में आ कर तो देखो
©Vaibhav
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