धरती बिन आकाश हो जैसे
बिन पानी के प्यास हो जैसे
चाँद छुपा हो गर्दिश में
तन्हा तन्हा रात हो जैसे
मन सूना हो ख्यालों के बिन
दिल में छुपी इक आस हो जैसे
पूछे जो तू कैसा हूँ
मैं बिन तेरे कुछ एेसा हूँ
बिन पानी सूखा हो झरना
उस आेर न कोई जाता हो
कल् कल् न गूँजे कानों में
न राग मलहार सुनाता हो
पक्षी न चहकें बागों में
खिलने से फूल कतराता हो
पूछे जो तू कैसा हूँ
मैं बिन तेरे कुछ एेसा हूँ
दिल में क़सक
आँखों में तपिश
मंज़िल न हुअा मुसाफिर का सफर
पाने की तुझे वो ज़दोजहद
दरमियां दिलों के खिंची सरहद
उस पार तू इस पार मैं
इंतज़ार में तेरे बैठा हूँ
पूछे जो तू कैसा हूँ
मैं बिन तेरे कुछ एेसा हूँ
मैं बिन तेरे कुछ एेसा हूँ....
#bintere#Missing#lonely#SAD @Payal Singh @Lakshmi Srivastav @Sujata Rani sabi khan Rakesh Kumar Himanshu