माँ औलाद की खुशी के खातिर हर दर्द सहने को रहती तै

"माँ औलाद की खुशी के खातिर हर दर्द सहने को रहती तैयार। जो यह सहती, सह ना पाए कोई करतार। अपने सुख दुख से वो अनजान होती हैं। संतान में ही बसी,उसकी जान होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं । रोता है जब तू,सीने से लगाती माँ अपने हिस्से का निवाला, तुझे खिलाती माँ तेरी गलतियां पिता से छिपाती तेरी हर डाट-फटकार बचाती तेरे लिए ही तो पगले बेवजह बदनाम होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं। उसकी हर दुआ,मन्नत व्रत और उपवास में तेरी खुशी की फरियाद होती हैं। उसकी हर हिचकी में तेरी याद होती हैं। तेरी सलामती की दुआ उसके लबों पे सुबहो शाम होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं। *बबलेश कुमार*🙏🏻🙏🏻"

 माँ 
औलाद की खुशी के खातिर
हर दर्द सहने को रहती तैयार।
जो यह सहती,
सह ना पाए कोई करतार।
अपने सुख दुख से वो अनजान होती हैं।
संतान में ही बसी,उसकी जान होती हैं।
सच में माँ..महान होती  हैं ।

रोता है जब तू,सीने से लगाती माँ 
अपने हिस्से का निवाला, तुझे खिलाती माँ 
तेरी गलतियां पिता से छिपाती
तेरी हर डाट-फटकार बचाती 
तेरे लिए ही तो पगले
बेवजह बदनाम होती हैं।
सच में माँ..महान होती हैं।

उसकी हर दुआ,मन्नत व्रत और उपवास में
तेरी खुशी की फरियाद होती हैं।
उसकी हर हिचकी में तेरी याद होती हैं।
तेरी सलामती की दुआ
उसके लबों पे सुबहो शाम होती हैं।
सच में माँ..महान होती हैं।

*बबलेश कुमार*🙏🏻🙏🏻

माँ औलाद की खुशी के खातिर हर दर्द सहने को रहती तैयार। जो यह सहती, सह ना पाए कोई करतार। अपने सुख दुख से वो अनजान होती हैं। संतान में ही बसी,उसकी जान होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं । रोता है जब तू,सीने से लगाती माँ अपने हिस्से का निवाला, तुझे खिलाती माँ तेरी गलतियां पिता से छिपाती तेरी हर डाट-फटकार बचाती तेरे लिए ही तो पगले बेवजह बदनाम होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं। उसकी हर दुआ,मन्नत व्रत और उपवास में तेरी खुशी की फरियाद होती हैं। उसकी हर हिचकी में तेरी याद होती हैं। तेरी सलामती की दुआ उसके लबों पे सुबहो शाम होती हैं। सच में माँ..महान होती हैं। *बबलेश कुमार*🙏🏻🙏🏻

#माँ

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