White **तस्वीर यादों की** तस्वीरें हैं किताबों | हिंदी कविता

"White **तस्वीर यादों की** तस्वीरें हैं किताबों सी, खोलो तो कहानियां बोलें, हर लम्हा जो कैद हुआ है, उसमें अनगिनत रंग डोलें। कुछ चेहरे हंसते-गाते, कुछ आंखें आंसू छिपाते, कभी धुंधले दिन, कभी उजली रातें, हर तस्वीर में यादें बसीं हैं। वक्त ठहरा हुआ है इनमें, पर अहसास जिंदा रहते हैं, हर तस्वीर का कोना-कोना, बीते लम्हों से भरा रहता है। बूढ़ी अलमारी की दराजों में, ये तस्वीरें सोती हैं चुपचाप, पर जब खोलो इन्हें संभालकर, यादें लौट आती हैं बेताब। ये यादें नहीं मिटती कभी, वो लम्हे, वो चेहरे, वो बातें, तस्वीरों के फ्रेम में जड़ी हुई, हमेशा रहती हैं हमारे साथें। ©aditi the writer"

 White **तस्वीर यादों की**  

तस्वीरें हैं किताबों सी,  
खोलो तो कहानियां बोलें,  
हर लम्हा जो कैद हुआ है,  
उसमें अनगिनत रंग डोलें।  

कुछ चेहरे हंसते-गाते,  
कुछ आंखें आंसू छिपाते,  
कभी धुंधले दिन, कभी उजली रातें,  
हर तस्वीर में यादें बसीं हैं।  

वक्त ठहरा हुआ है इनमें,  
पर अहसास जिंदा रहते हैं,  
हर तस्वीर का कोना-कोना,  
बीते लम्हों से भरा रहता है।  

बूढ़ी अलमारी की दराजों में,  
ये तस्वीरें सोती हैं चुपचाप,  
पर जब खोलो इन्हें संभालकर,  
यादें लौट आती हैं बेताब।  

ये यादें नहीं मिटती कभी,  
वो लम्हे, वो चेहरे, वो बातें,  
तस्वीरों के फ्रेम में जड़ी हुई,  
हमेशा रहती हैं हमारे साथें।

©aditi the writer

White **तस्वीर यादों की** तस्वीरें हैं किताबों सी, खोलो तो कहानियां बोलें, हर लम्हा जो कैद हुआ है, उसमें अनगिनत रंग डोलें। कुछ चेहरे हंसते-गाते, कुछ आंखें आंसू छिपाते, कभी धुंधले दिन, कभी उजली रातें, हर तस्वीर में यादें बसीं हैं। वक्त ठहरा हुआ है इनमें, पर अहसास जिंदा रहते हैं, हर तस्वीर का कोना-कोना, बीते लम्हों से भरा रहता है। बूढ़ी अलमारी की दराजों में, ये तस्वीरें सोती हैं चुपचाप, पर जब खोलो इन्हें संभालकर, यादें लौट आती हैं बेताब। ये यादें नहीं मिटती कभी, वो लम्हे, वो चेहरे, वो बातें, तस्वीरों के फ्रेम में जड़ी हुई, हमेशा रहती हैं हमारे साथें। ©aditi the writer

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