ये हवाएं अगर कुछ बोल पातीं तो
मेरे लिए ये कुछ ऐसा सन्देश लाती !
कितने भी बूरे दिन क्यूँ ना हो
वो बदलते ज़रूर हैं !
इन हवाओं के जैसे वो अपना रुख़ मोड़ते
ज़रूर हैं !
सुख - दुःख तो मस्त हवाओं का झोंका है !
ये कहाँ किसी के रोके रुका है !
ए मेरे दोस्त ! मेरी नज़र से देखते तो
तुम्हारा भी मन मचल जाता !
इन हवाओं से बतियाने को तुम्हारा भी दिल
चाहता !!
©Jyotshna2000
#dryleaf