☺ कब से कब तक का सफर हैं ये,
कब से कब तक बसे चले जाना हैं,
कब से कब तक हमें हम होना हैं,
कब से कब तक बस ऐसे ही रेह जाना है; कब से कब तक का सफर हैं ये,
कब से कब तक बसे चले जाना हैं,
कब से कब तक हमें हम होना हैं,
कब से कब तक बस ऐसे ही रेह जाना है;
#Khayaal