शहादत भरी दीवाली देखती राह मैं बैठी रही ढल चुका ह

"शहादत भरी दीवाली देखती राह मैं बैठी रही ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा जगमगाएंगे चौबारे हमारे मैं दीप लेकर आऊंगा कहा था मां से मिठाई मेरी पसंदीदा बनाना छुटकी जो छुपकर पहले मुझसे खाए डांट जोर की तुम उसको लगाना दीपावली के दिए सब के साथ ही जलाऊंगा ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा। छिपाकर आंसू सबसे हंसती मैं फिर रही देखती राह जो बैठी रही ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।१।।"

 शहादत भरी दीवाली

देखती राह मैं बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही

ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा
जगमगाएंगे चौबारे हमारे मैं दीप लेकर आऊंगा
कहा था मां से मिठाई मेरी पसंदीदा बनाना
छुटकी जो छुपकर पहले मुझसे खाए
डांट जोर की तुम उसको लगाना
दीपावली के दिए सब के साथ ही जलाऊंगा
ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा।

छिपाकर आंसू सबसे हंसती मैं फिर रही
देखती राह जो बैठी रही
ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।१।।

शहादत भरी दीवाली देखती राह मैं बैठी रही ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा जगमगाएंगे चौबारे हमारे मैं दीप लेकर आऊंगा कहा था मां से मिठाई मेरी पसंदीदा बनाना छुटकी जो छुपकर पहले मुझसे खाए डांट जोर की तुम उसको लगाना दीपावली के दिए सब के साथ ही जलाऊंगा ना आए आप करके वादा मैं दीप लेकर आऊंगा। छिपाकर आंसू सबसे हंसती मैं फिर रही देखती राह जो बैठी रही ढल चुका है दिन अब रात सारी ढल रही।।१।।

#shahadat_bhari_deewali 1

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