तज़ुर्बा तब हुआ जब हमने ख्वाब देखे थे अपनों का पता तब चला जब अपने काम देखे थे, कल तक थी मीठी बोली जिनकी उनके आँखों मैं नफरत के रुबाब देखे थे, रिस्तेदारी भी सोच विचार से चलती गई, हम तो सबके लिए खुली किताब जैसे थे,, ak_ansha7182 ©ak_ansha7182 Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto