तुम्हारे इश्क के दरिया पर सन्नाटा क्यों छा रहा है, | हिंदी शायरी
"तुम्हारे इश्क के दरिया पर सन्नाटा क्यों छा रहा है,
किसी को डूबने नहीं दे रहे हो या कोई डूब नहीं पा रहा है,
कब तक लगाते रहे हम ताक साहिल पर खड़े होकर,
अन्दर कोई और है या हमें नहीं बता पा रहा है..."
तुम्हारे इश्क के दरिया पर सन्नाटा क्यों छा रहा है,
किसी को डूबने नहीं दे रहे हो या कोई डूब नहीं पा रहा है,
कब तक लगाते रहे हम ताक साहिल पर खड़े होकर,
अन्दर कोई और है या हमें नहीं बता पा रहा है...