वक्त ने जिसे रुलाया
उसने दुनिया को हंसाना सीख लिया,
छोड़ कर पढ़ाई जिसने
घर की जिम्मेदारियों का भार सर रख लिया
जो आया करता था कभी कक्षा में प्रथम
हालातों ने उसे उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया,
कच्ची उम्र में ही अपनाना पड़ा जिसे मायानगरी
चंद पैसों ने उसे घर से पराया कर दिया
दुखों और संघर्षों की आंधी से लड़कर
जिसने शायद अपना जीवन निखार लिया,
यूं ही नहीं किसी "आदेश" ने
हर किसी के दिल में अपना घर बना लिया
हालात देख मोहब्बत ठुकरा कर छोड़ गई थी जो
उसको,
आज उसकी महबूबा को देख ले तो पानी में भी जलन हो
उसको
जिसने आंसुओं को चुनौती देकर उन्हें मुस्कान बना लिया
"जन्मदिन मुबारक हो" ऐसे प्राणी को,
जिसने खुद के दुखों को किनारा कर
दूसरों को हंसाना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया...