Rahul Patel Gurjar

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देखते ही इक पल में पिघल गया हर कोई उसे आखि़र अब ये लड़के उतने सख़्त कहा हैं - राहुल पटेल "गुर्जर"

 देखते ही इक पल में पिघल गया हर कोई उसे
आखि़र अब ये लड़के उतने सख़्त कहा हैं

          - राहुल पटेल "गुर्जर"

देखते ही इक पल में पिघल गया हर कोई उसे आखि़र अब ये लड़के उतने सख़्त कहा हैं - राहुल पटेल "गुर्जर"

1 Love

वक्त ने जिसे रुलाया उसने दुनिया को हंसाना सीख लिया, छोड़ कर पढ़ाई जिसने घर की जिम्मेदारियों का भार सर रख लिया जो आया करता था कभी कक्षा में प्रथम हालातों ने उसे उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया, कच्ची उम्र में ही अपनाना पड़ा जिसे मायानगरी चंद पैसों ने उसे घर से पराया कर दिया दुखों और संघर्षों की आंधी से लड़कर जिसने शायद अपना जीवन निखार लिया, यूं ही नहीं किसी "आदेश" ने हर किसी के दिल में अपना घर बना लिया हालात देख मोहब्बत ठुकरा कर छोड़ गई थी जो उसको, आज उसकी महबूबा को देख ले तो पानी में भी जलन हो उसको जिसने आंसुओं को चुनौती देकर उन्हें मुस्कान बना लिया "जन्मदिन मुबारक हो" ऐसे प्राणी को, जिसने खुद के दुखों को किनारा कर दूसरों को हंसाना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया...

 वक्त ने जिसे रुलाया 
उसने दुनिया को हंसाना सीख लिया, 
छोड़ कर पढ़ाई जिसने
घर की जिम्मेदारियों का भार सर रख लिया

जो आया करता था कभी कक्षा में प्रथम 
हालातों ने उसे उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया, 
कच्ची उम्र में ही अपनाना पड़ा जिसे मायानगरी 
चंद पैसों ने उसे घर से पराया कर दिया 

दुखों और संघर्षों की आंधी से लड़कर 
जिसने शायद अपना जीवन निखार लिया, 
यूं ही नहीं किसी "आदेश" ने 
हर किसी के दिल में अपना घर बना लिया 

हालात देख मोहब्बत ठुकरा कर छोड़ गई थी जो 
उसको,
आज उसकी महबूबा को देख ले तो पानी में भी जलन हो 
उसको

जिसने आंसुओं को चुनौती देकर उन्हें मुस्कान बना लिया
"जन्मदिन मुबारक हो" ऐसे प्राणी को, 
जिसने खुद के दुखों को किनारा कर  
दूसरों को हंसाना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया...

वक्त ने जिसे रुलाया उसने दुनिया को हंसाना सीख लिया, छोड़ कर पढ़ाई जिसने घर की जिम्मेदारियों का भार सर रख लिया जो आया करता था कभी कक्षा में प्रथम हालातों ने उसे उच्च शिक्षा से वंचित कर दिया, कच्ची उम्र में ही अपनाना पड़ा जिसे मायानगरी चंद पैसों ने उसे घर से पराया कर दिया दुखों और संघर्षों की आंधी से लड़कर जिसने शायद अपना जीवन निखार लिया, यूं ही नहीं किसी "आदेश" ने हर किसी के दिल में अपना घर बना लिया हालात देख मोहब्बत ठुकरा कर छोड़ गई थी जो उसको, आज उसकी महबूबा को देख ले तो पानी में भी जलन हो उसको जिसने आंसुओं को चुनौती देकर उन्हें मुस्कान बना लिया "जन्मदिन मुबारक हो" ऐसे प्राणी को, जिसने खुद के दुखों को किनारा कर दूसरों को हंसाना अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया...

4 Love

प्यार देदो सज़ा देदो या कोई रज़ा देदो मुझे, शायरी लिखनी हैं कोई ग़म हीं देदो मुझे मोहब्बत मेरी ठुकरा कर गई हों जो तुम, यार अपनी सहेली का नम्बर हीं देदो मुझे यक़ीनन छोड़ दूंगा प्यार करना मैं तुझसे, नफ़रत करने की कोई वजह हीं देदो मुझे जाओ उम्र भर का साथ नहीं मांगता हूं मैं, तुम अपनी ज़िंदगी का इक पल हीं देदो मुझे दूर गर जा रहे हों हमेशा हमेशा के लिए तुम, जानम जाते जाते इक बोसा हीं देदो मुझे और अब रकीब की बाहों में ख़ुश हो गर तुम, तो अपनी मोहब्बत से आजादी हीं देदो मुझे ©राहुल पटेल गुर्जर

 प्यार देदो सज़ा देदो या कोई रज़ा देदो मुझे,
शायरी लिखनी हैं कोई ग़म हीं देदो मुझे

मोहब्बत मेरी ठुकरा कर गई हों जो तुम,
यार अपनी सहेली का नम्बर हीं देदो मुझे

यक़ीनन छोड़ दूंगा प्यार करना मैं तुझसे,
नफ़रत करने की कोई वजह हीं देदो मुझे 

जाओ उम्र भर का साथ नहीं मांगता हूं मैं,
तुम अपनी ज़िंदगी का इक पल हीं देदो मुझे

दूर गर जा रहे हों हमेशा हमेशा के लिए तुम,
जानम जाते जाते इक बोसा हीं देदो मुझे 

और अब रकीब की बाहों में ख़ुश हो गर तुम,
तो अपनी मोहब्बत से आजादी हीं देदो मुझे

            ©राहुल पटेल गुर्जर

प्यार देदो सज़ा देदो या कोई रज़ा देदो मुझे, शायरी लिखनी हैं कोई ग़म हीं देदो मुझे मोहब्बत मेरी ठुकरा कर गई हों जो तुम, यार अपनी सहेली का नम्बर हीं देदो मुझे यक़ीनन छोड़ दूंगा प्यार करना मैं तुझसे, नफ़रत करने की कोई वजह हीं देदो मुझे जाओ उम्र भर का साथ नहीं मांगता हूं मैं, तुम अपनी ज़िंदगी का इक पल हीं देदो मुझे दूर गर जा रहे हों हमेशा हमेशा के लिए तुम, जानम जाते जाते इक बोसा हीं देदो मुझे और अब रकीब की बाहों में ख़ुश हो गर तुम, तो अपनी मोहब्बत से आजादी हीं देदो मुझे ©राहुल पटेल गुर्जर

3 Love

मुझसे उलझ कर ना करो फायदा मेरा गुस्सा अगर आया तो कोई ग़ज़ल लिख दूंगा

 मुझसे उलझ कर ना करो फायदा मेरा 

गुस्सा अगर आया तो कोई ग़ज़ल लिख दूंगा

मुझसे उलझ कर ना करो फायदा मेरा गुस्सा अगर आया तो कोई ग़ज़ल लिख दूंगा

5 Love

Today has been purely amazing. I can't express how much each of your uncountable and thoughtful posts/text/calls/stories meant to me. Taking time out of your day to wish me a happy birthday made my day. Every birthday wish was special. Each and everyone of you has put the biggest smile on my face. I owe you. Truly thank you from the bottom of my heart. You all are awesome. Lot's of love ♥️😊 -Rahul

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-Rahul

Today has been purely amazing. I can't express how much each of your uncountable and thoughtful posts/text/calls/stories meant to me. Taking time out of your day to wish me a happy birthday made my day. Every birthday wish was special. Each and everyone of you has put the biggest smile on my face. I owe you. Truly thank you from the bottom of my heart. You all are awesome. Lot's of love ♥️😊 -Rahul

4 Love

वो माँ नौ महीने त्याग कर प्रसव वेदना स्वीकार कर लाई थी इस जहां में तुझे, तू कैसे भूल गई चंद पलों की मोहब्बत के आगे कई वर्षों के उस माँ के दुख, दर्द , प्यार और त्याग को... . तू निस्ठूर बन कैसे भूल गई उस भाई की राखी को, तू कैसे भूल गई उस बाप के प्यारे हाथ को जिसे पकड़ कर तुम पहली बार चली, तू कैसे भूल गई उस बाबुल की बगिया को जिसमे तू बनकर कली खिली, अरे तुझे क्या मालूम उस खिलती कली को देखकर उनको कितनी खुशी मिली... . तूने अपने स्वार्थ के खातिर घर में मातम फैलाया है, अरे तू क्या जाने तेरे गम में बाप अब तक हलक से कोर निगल न पाया हैं... . पिता की पगड़ी को लात मारकर उछाला हैं तूने, माँ की ममता को बड़ी क्रूरता से कुचला है तूने, कुटुंब के सम्मान को शौक से रौंदा है तूने, अपने इश्क़ के खातिर उनके मुंह पर पैरों तले कीचड़ उछाला है तूने... . बरसों के उनके त्याग समर्पण प्यार लाड़ दुलार का जरा भी ख्याल ना आया तुझे, माँ बाप का सम्मान रौंद उस बाबुल को ठोकर मार कर घर छोड़ भागते जरा भी शर्म ना आई तुझे... . अरे! थूकता हूं मैं, तेरे ऐसे इश्क पर जो पिता की सर से पगड़ी उछाल दें, और थूकता हूं मैं, तेरे ऐसे प्रेमी पर जो तेरे यौवन पर ललचा कर तुझे भागने को उकसा दें, और पूछना चाहता हूं मैं, उन तमाम लड़कियों से क्या ऐसी ही होती है..? पापा की परियां जो बिना हथियार पापा के हजार टुकडे कर दें... . मुकम्मल तूने प्यार नहीं घर से भागकर गुनाह किया है, बिन हथियार ही अपने पिता का हृदय लहूलुहान कर उनका कत्ल किया है... . उन्होंने बड़े नाजों से तुझे पलकों पर पाल-पोष कर बड़ा किया है, तूने आज अपने प्रेमी संग मिलकर उन्हें ही बड़ी कठोरता से कटघरे में खड़ा किया है... . और अब इल्ज़ाम लगाती हो मेरा बाप मुझे मारना चाहता है, अरे! वह मरा हुआ बाप तुझे क्या मारेगा वह तो उसी दिन मर गया था जिस दिन तू घर से भाग गई थी... . अब शर्म आती है उस बाप को तुझे बेटी कहते हुए जिसे तू जीते जी मार कर आई थी, अब कैसे बताएं वह भाई तुझे अपनी बहन जिसके प्यार और स्नेह को बुलाकर तू घर से भाग आई थी, अब वह माँ तुझे कैसे अपनी बेटी कहे जिसकी कोख तू लजा कर आई थी, कैसे स्वीकार करें वह परिवार तुझे जिसकी सरेआम तू नाक कटा कर आई थी... . अब हर दिल यही कहता है बेटी तुझसे भूल ये बड़ी हुई है, तूने मंदिर की बनावटी सुंदरता के खातिर भगवान बदल लिया है, तूने मां बाप को अपने ठोकर मार कर जीवन के हर मोड़ पर ठोकरों को अपना लिया है... . वक़्त गवाह हैं जो-जो भी गई भागकर ठोकर ही खाती है, अपनी गलती पर रो-रोकर अश्क बहा कर हुई भयानक भूल सोच कर अब पछताती है... . तुम जैसी बेटियां तो आज मां-बाप, घर-परिवार को बेइज्जत करके भाग जाएगी, पर कल को तुम्हारी इसी करतूत की वजह से न जाने कितनी बेटियां कोख में ही मार दी जाएगी... ©राहुल पटेल

#writerscommunity #rahulpatel #RESPECT #PARENTS #message #Family  वो माँ नौ महीने त्याग कर प्रसव वेदना स्वीकार कर लाई थी इस जहां में तुझे, 
तू कैसे भूल गई चंद पलों की मोहब्बत के आगे कई वर्षों के उस माँ के दुख, दर्द , प्यार और त्याग को...
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तू निस्ठूर बन कैसे भूल गई उस भाई की राखी को, 
तू कैसे भूल गई उस बाप के प्यारे हाथ को जिसे पकड़ कर तुम पहली बार चली,
तू कैसे भूल गई उस बाबुल की बगिया को जिसमे तू बनकर कली खिली,
अरे तुझे क्या मालूम उस खिलती कली को देखकर उनको कितनी खुशी मिली...
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तूने अपने स्वार्थ के खातिर घर में मातम फैलाया है,
अरे तू क्या जाने तेरे गम में बाप अब तक हलक से कोर निगल न पाया हैं...
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पिता की पगड़ी को लात मारकर उछाला हैं तूने,
माँ की ममता को बड़ी क्रूरता से कुचला है तूने,
कुटुंब के सम्मान को शौक से रौंदा है तूने, 
अपने इश्क़ के खातिर उनके मुंह पर पैरों तले कीचड़ उछाला है तूने...
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बरसों के उनके त्याग समर्पण प्यार लाड़ दुलार का जरा भी ख्याल ना आया तुझे, 
माँ बाप का सम्मान रौंद उस बाबुल को ठोकर मार कर घर छोड़ भागते जरा भी शर्म ना आई तुझे...
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अरे! थूकता हूं मैं, तेरे ऐसे इश्क पर जो पिता की सर से पगड़ी उछाल दें,
और थूकता हूं मैं, तेरे ऐसे प्रेमी पर जो तेरे यौवन पर ललचा कर तुझे भागने को उकसा दें,
और पूछना चाहता हूं मैं, उन तमाम लड़कियों से क्या ऐसी ही होती है..?
पापा की परियां जो बिना हथियार पापा के हजार टुकडे कर दें...
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मुकम्मल तूने प्यार नहीं घर से भागकर गुनाह किया है, 
बिन हथियार ही अपने पिता का हृदय लहूलुहान कर उनका कत्ल किया है...
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उन्होंने बड़े नाजों से तुझे पलकों पर पाल-पोष कर बड़ा किया है,
तूने आज अपने प्रेमी संग मिलकर उन्हें ही बड़ी कठोरता से कटघरे में खड़ा किया है...
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और अब इल्ज़ाम लगाती हो मेरा बाप मुझे मारना चाहता है, 
अरे! वह मरा हुआ बाप तुझे क्या मारेगा वह तो उसी दिन मर गया था जिस दिन तू घर से भाग गई थी...
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अब शर्म आती है उस बाप को तुझे बेटी कहते हुए जिसे तू जीते जी मार कर आई थी,
अब कैसे बताएं वह भाई तुझे अपनी बहन जिसके प्यार और स्नेह को बुलाकर तू घर से भाग आई थी, 
अब वह माँ तुझे कैसे अपनी बेटी कहे जिसकी कोख तू लजा कर आई थी, 
कैसे स्वीकार करें वह परिवार तुझे जिसकी सरेआम तू नाक कटा कर आई थी...
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अब हर दिल यही कहता है बेटी तुझसे भूल ये बड़ी हुई है, 
तूने मंदिर की बनावटी सुंदरता के खातिर भगवान बदल लिया है, 
तूने मां बाप को अपने ठोकर मार कर जीवन के हर मोड़ पर ठोकरों   को अपना लिया है...
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वक़्त गवाह हैं जो-जो भी गई भागकर ठोकर ही खाती है,
अपनी गलती पर रो-रोकर अश्क बहा कर हुई भयानक भूल सोच कर अब पछताती है...
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तुम जैसी बेटियां तो आज मां-बाप, घर-परिवार को बेइज्जत करके भाग जाएगी, 
पर कल को तुम्हारी इसी करतूत की वजह से न जाने कितनी बेटियां कोख में ही मार दी जाएगी...

       ©राहुल पटेल

मेरी लेखनी के माध्यम से मैं उन नादान लड़कियों को और लड़कों को भी संदेश देना चाहता हूं जो प्यार मोहब्बत में पड़कर अपने मां बाप को छोड़कर घर से भाग जाते है, कोई भी इसे व्यक्तिगत तौर पर ना ले और मेरे शब्दों से किसी के दिल और भावनाओं को ठेस पहुंचे तो उसके लिए मैं क्षमा प्रार्थी हूं। #message #to #girls #boys #RESPECT #PARENTS #maa #Papa #Family #rahulpatel #writerscommunity #Hindi #urdu #nojoto #indore #India

6 Love

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