बहुत सी बातें कहनी थी पर,
बात लबों तक आते रुक जाती है,
जुबान कहते जाने क्यों हिचकिचाती है,
सोचने लगती हूं ना जाने क्या बात
मेरी जुबां से गलत निकल जाए,
क्या पता क्या शेयर करने पर बुरा लगे,
यही सोच बातें अटकती हैं
दिल से गले तक आते भी डरती हैं,
रहने दो ना कहना कुछ अब,
बातें रह जाएं दिल में तो क्या,
डर तो ना लगेगा,
तेरे बुरा मान मुझसे बात न करने का..
©Lata Sharma सखी
#बातें