चाहे मेरी क़िस्मत में ज़माने के तू लाख सितम कर दे
पर ऐ मेरे ख़ुदा तू मुझ पे बस इतना करम कर दे
जिस रुख़-ए-पुरनूर के दीदार के वास्ते ये मेरी आँखे अश़्क बहाती हैं
बस इन्हीं आँखों को मेरी तू अता-ए-दीदार-ए-सनम कर दे
मो.इक्साद अंसारी
यहाँ सनम से मुराद मेरे आक़ा मुस्तफा जान-ए-रहमत से है
MD Iksad Ansari