किसी की बातों में तो कई मुलाकातो में मुझे तु ही नजर आता है ।
कही की गई हल्की सी मजाक , तेरे अधरों की मुस्कुराहट दिखा जाता है
तो कभी हवा बन करके मेरे रूह से तु लिपटने को आता है ।।
ये तेरी प्रेम पिपासा कैसी रमणा!
कि
। तुझे देखते मेरा सुध गया , तु फिर ना मेरे सुध से गया ।
© vrindaa
कोई तुमसा नहीं