हाथों से मेरे फिसलती जा रही है ज़िन्दगी । ना जाने | हिंदी शायरी

"हाथों से मेरे फिसलती जा रही है ज़िन्दगी । ना जाने किस ओर ये ले जा रही है ज़िन्दगी ।। चाहें दर्द हो या फिर आगे मौत ही क्यों ना हो । बस चल रहा हूं जिस ओर ले जा रही है ज़िन्दगी ।। ना हक है इसपे और ना ही चलता है जोर मेरा । धीरे-धीरे जो मुझे निगलती जा रही है ज़िन्दगी ।। सोचा था वो समेट लेगा सबकुछ अपनी बाहों में । पर उससे तो और बिखरती जा रही है ज़िन्दगी ।। ना हिम्मत रही ना ही साहस रहा "प्रेम" अब । सांसों से मेरी जो बिछुड़ती जा रही है ज़िन्दगी ।। P.k.Shayar"

 हाथों से मेरे फिसलती जा रही है ज़िन्दगी ।
ना जाने किस ओर ये ले जा रही है ज़िन्दगी ।।

चाहें दर्द हो या फिर आगे मौत ही क्यों ना हो ।
बस चल रहा हूं जिस ओर ले जा रही है ज़िन्दगी ।।

ना हक है इसपे और ना ही चलता है जोर मेरा ।
धीरे-धीरे जो मुझे निगलती जा रही है ज़िन्दगी ।।

सोचा था वो समेट लेगा सबकुछ अपनी बाहों में ।
पर उससे तो और बिखरती जा रही है ज़िन्दगी ।।

ना हिम्मत रही ना ही साहस रहा "प्रेम" अब ।
सांसों से मेरी जो बिछुड़ती जा रही है ज़िन्दगी ।।

P.k.Shayar

हाथों से मेरे फिसलती जा रही है ज़िन्दगी । ना जाने किस ओर ये ले जा रही है ज़िन्दगी ।। चाहें दर्द हो या फिर आगे मौत ही क्यों ना हो । बस चल रहा हूं जिस ओर ले जा रही है ज़िन्दगी ।। ना हक है इसपे और ना ही चलता है जोर मेरा । धीरे-धीरे जो मुझे निगलती जा रही है ज़िन्दगी ।। सोचा था वो समेट लेगा सबकुछ अपनी बाहों में । पर उससे तो और बिखरती जा रही है ज़िन्दगी ।। ना हिम्मत रही ना ही साहस रहा "प्रेम" अब । सांसों से मेरी जो बिछुड़ती जा रही है ज़िन्दगी ।। P.k.Shayar

#nojotahindi #Nojoto #नोजोताहिन्दी

#leftalone

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