वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग मे

"वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वारा हनुमान से वार्तालाप के आधार पर लक्ष्मण को बताई गईं हनुमान के चरित्र की विशेषतायें बोले लक्ष्मण से रघुराई, बात सुनो अब मेरी भाई, इन्हें नहीं साधारण मानो, अति विद्वान इन्हें तुम जानो। इनकी भाषा बता रही है, यह मनुष्य सामान्य नहीं है, चारों वेदों के ज्ञाता हैं, उच्च कोटि के उद्गाता हैं।। शुद्ध परिष्कृत भाषा देखो, शब्दों की अभिलाषा देखो, बारम्बार व्याकरण पढ़कर, आए ज्ञान रथों पर चढ़कर।। वाक्य विशारद, शत्रु विनाशक, हनुमान हैं ज्ञान उपासक, उच्चारण में दोष नहीं है, भाषा में आक्रोश नहीं है।। संस्कार से भरे हुए हैं, शब्द अधर पर धरे हुए हैं, नीति निपुण और सौम्य भाव है, प्रेम बांटने का स्वभाव है।। अति विनम्र और बुद्धिमान हैं, बहुत चतुर, करुणा निधान हैं, वीर, संयमी सद्गुण धारे, लगते हैं देखो अति प्यारे।। बल और तेज अखण्ड भरा है, साहस, धैर्य प्रचण्ड भरा है, सबकी नैया पार करेंगे, हनुमान उद्धार करेंगे।। ©✍️ रोहित"

 वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वारा हनुमान से 
वार्तालाप के आधार पर लक्ष्मण को बताई गईं

हनुमान के चरित्र की विशेषतायें

बोले लक्ष्मण से रघुराई, बात सुनो अब मेरी भाई,
इन्हें नहीं साधारण मानो, अति विद्वान इन्हें तुम जानो।

इनकी भाषा बता रही है, यह मनुष्य सामान्य नहीं है,
चारों वेदों के ज्ञाता हैं, उच्च कोटि के उद्गाता हैं।।

शुद्ध परिष्कृत भाषा देखो, शब्दों की अभिलाषा देखो,
बारम्बार व्याकरण पढ़कर, आए ज्ञान रथों पर चढ़कर।।

वाक्य विशारद, शत्रु विनाशक, हनुमान हैं ज्ञान उपासक,
उच्चारण में दोष नहीं है, भाषा में आक्रोश नहीं है।।

संस्कार से भरे हुए हैं, शब्द अधर पर धरे हुए हैं,
नीति निपुण और सौम्य भाव है, प्रेम बांटने का स्वभाव है।।

अति विनम्र और बुद्धिमान हैं, बहुत चतुर, करुणा निधान हैं,
वीर, संयमी सद्गुण धारे, लगते हैं देखो अति प्यारे।।

बल और तेज अखण्ड भरा है, साहस, धैर्य प्रचण्ड भरा है,
सबकी नैया पार करेंगे, हनुमान उद्धार करेंगे।।

©✍️ रोहित

वाल्मीकि रामायण, किष्किन्धा काण्ड, द्वितीय सर्ग में राम द्वारा हनुमान से वार्तालाप के आधार पर लक्ष्मण को बताई गईं हनुमान के चरित्र की विशेषतायें बोले लक्ष्मण से रघुराई, बात सुनो अब मेरी भाई, इन्हें नहीं साधारण मानो, अति विद्वान इन्हें तुम जानो। इनकी भाषा बता रही है, यह मनुष्य सामान्य नहीं है, चारों वेदों के ज्ञाता हैं, उच्च कोटि के उद्गाता हैं।। शुद्ध परिष्कृत भाषा देखो, शब्दों की अभिलाषा देखो, बारम्बार व्याकरण पढ़कर, आए ज्ञान रथों पर चढ़कर।। वाक्य विशारद, शत्रु विनाशक, हनुमान हैं ज्ञान उपासक, उच्चारण में दोष नहीं है, भाषा में आक्रोश नहीं है।। संस्कार से भरे हुए हैं, शब्द अधर पर धरे हुए हैं, नीति निपुण और सौम्य भाव है, प्रेम बांटने का स्वभाव है।। अति विनम्र और बुद्धिमान हैं, बहुत चतुर, करुणा निधान हैं, वीर, संयमी सद्गुण धारे, लगते हैं देखो अति प्यारे।। बल और तेज अखण्ड भरा है, साहस, धैर्य प्रचण्ड भरा है, सबकी नैया पार करेंगे, हनुमान उद्धार करेंगे।। ©✍️ रोहित

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