औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया पर अपनी जिंदगी मे | हिंदी कविता
"औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया
पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया
सपनों को पूरा करने में जो दिल से था मगन
रुसवाइयों ने उसका शुरू कर दिया पतन
तनहाइयों ने घेरा जिसके मन का प्रांत था
वो सुशांत था"
औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया
पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया
सपनों को पूरा करने में जो दिल से था मगन
रुसवाइयों ने उसका शुरू कर दिया पतन
तनहाइयों ने घेरा जिसके मन का प्रांत था
वो सुशांत था