Sarabjeet Singh

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जिस्मानी तौर पर वो हमसे दूर हो गया रूहानी तौर पर वो रूह में ही बस गया दुनिया तो ये आबाद थी आबाद रहेगी पर उसकी कमी सब को तो हमेशा खलेगी प्यारी सी मुस्कान और मासूम सा चेहरा नम होंगी सबकी आँखें जिक्र होगा जब तेरा जिसके व्यक्तित्व का ये अभी तक वृतांत था वो सुशांत था वो सुशांत था वो सुशांत था।

#SushantSinghRajput #कविता  जिस्मानी तौर पर वो हमसे दूर हो गया
रूहानी तौर पर वो रूह में ही बस गया
दुनिया तो ये आबाद थी आबाद रहेगी
पर उसकी कमी सब को तो हमेशा खलेगी
प्यारी सी मुस्कान और मासूम सा चेहरा
नम होंगी सबकी आँखें जिक्र होगा जब तेरा
जिसके व्यक्तित्व का ये अभी तक वृतांत था



वो सुशांत था
वो सुशांत था
वो सुशांत था।

खुश मिज़ाज़ रहना उसकी अपनी मौज़ थी वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली उसकी सोच थी मोह ले जो हृदय को उसमें वो गुरुत्व था चाँद की धरा पर उसका भी प्रभुत्व था अपने दर्शकों से पवित्र रिश्ता जोड़कर उम्मीद न थी यूँ चला जाएगा छोड़कर कर गया सबके दिलों को जो अशांत था वो सुशांत था।

#कविता #weather  खुश मिज़ाज़ रहना उसकी अपनी मौज़ थी
वैज्ञानिक दृष्टिकोण वाली उसकी सोच थी
मोह ले जो हृदय को उसमें वो गुरुत्व था
चाँद की धरा पर उसका भी प्रभुत्व था
अपने दर्शकों से पवित्र रिश्ता जोड़कर
उम्मीद न थी यूँ चला जाएगा छोड़कर
कर गया सबके दिलों को जो अशांत था

वो सुशांत था।

#weather

4 Love

औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया सपनों को पूरा करने में जो दिल से था मगन रुसवाइयों ने उसका शुरू कर दिया पतन तनहाइयों ने घेरा जिसके मन का प्रांत था वो सुशांत था

#कविता #sunlight  औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया
पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया
सपनों को पूरा करने में जो दिल से था मगन
रुसवाइयों ने उसका शुरू कर दिया पतन
तनहाइयों ने घेरा जिसके मन का प्रांत था

वो सुशांत था

#sunlight

2 Love

बन के छिछोरा हमें जीना सिखा गया मंसूर बन के धर्म का भेद भाव मिटा गया जिसके मुख पर सदा शशि का कांत था वो सुशांत था।

#कविता #alone  बन के छिछोरा हमें जीना सिखा गया
मंसूर बन के धर्म का भेद भाव मिटा गया
जिसके मुख पर सदा शशि का कांत था

वो सुशांत था।

#alone

4 Love

#Emotional

#Emotional

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वो सुशांत था चेहरे पर खुशी लिये, वो मन में शांत था वो सुशांत था। बन के छिछोरा हमें जीना सिखा गया, मंसूर बनके धर्म का वो भेद मिटा गया। जिसके मुख पर सदा, शशि का कांत था, वो सुशांत था। औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया, पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया। सपनों को पूरा करने में, जो दिल से था मगन, रुसवाइयों ने उसका शुरू कर दिया पतन। तन्हाइयों ने घेर जिसके मन का प्रांत था, वो सुशांत था, वो सुशांत था।

#SushantSinghRajput #कविता  वो सुशांत था
चेहरे पर खुशी लिये, वो मन में शांत था
वो सुशांत था।

बन के छिछोरा हमें जीना सिखा गया,
मंसूर बनके धर्म का वो भेद मिटा गया।
जिसके मुख पर सदा, शशि का कांत था,
वो सुशांत था।

औरों के जीवन को वो बाखूबी जी गया,
पर अपनी जिंदगी में गम के प्याले पी गया।
सपनों को पूरा करने में, 
जो दिल से था मगन,
रुसवाइयों ने उसका शुरू 
कर दिया पतन।
तन्हाइयों ने घेर जिसके 
मन का प्रांत था,
वो सुशांत था,
वो सुशांत था।
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