सखी दर्ज हो चुके कई मुकदमे दिल की अदालत में
और तंग आ चुके हैं हम भी दिमाग की सियासत से
बहुत बुरे हाल में होते हैं जो दिल को हो सके ना दिमाग के
बेजुबान से राहों में रहे भटकते है वो इधर के रहे ना उधर के
लिखी है कई कहानियां अधूरी चाहतो की और कई किस्से भी
तक़दीर से हाथ आती खुशियां और आते हैं गम के हिस्से भी
बबली भाटी बैसला
©Babli BhatiBaisla
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