डरती है क्यों लड़कियां रात में निकलने से?
कभी सोचा हैं?
हर मोड़ पे अंधकार का पहरा होता हैं, उन सुनसान गलियों में ।
हर मोड़ पे सन्नाटा होता हैं, उन सुनसान गलियों में ।
पर डर नहीं अंधकार का, ना डर किसी सन्नाटे का ।
डरती तो हैं लड़कियां, बोझ संभाले अपने सम्मान का ।।
कही किसी ओर से कोई दिख भी जाता हैं, तो दिल में डर का पैग़ाम आता है।
इज़्ज़त हूं घर की अकेले ना आना था, बस तब ये ही ख्याल आता हैं ।।
इस डर के पीछे कमज़ोरी नहीं, ना उसकी सोच हैं ।
इस डर की सौगात तो बलात्कार हैं,जो होता रोज़-रोज़ हैं ।।
©Kaagzi_Lafz
STOP RAPE
#Dullness