Kaagzi_Lafz

Kaagzi_Lafz Lives in Delhi, Delhi, India

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मंजिल की फिक्र नहीं हमें, यह रास्ते अब हसीन लगने लगे हैं। कल क्या होगा यह कल पर छोड़ दिया है हमने, यह आज, अब हम जीने लगे हैं।। ©Kaagzi_Lafz

#Main_akeli  मंजिल की फिक्र नहीं हमें,
यह रास्ते अब हसीन लगने लगे हैं।
कल क्या होगा यह कल पर छोड़ दिया है हमने, 
यह आज, अब हम जीने लगे हैं।।

©Kaagzi_Lafz

डरती है क्यों लड़कियां रात में निकलने से? कभी सोचा हैं? हर मोड़ पे अंधकार का पहरा होता हैं, उन सुनसान गलियों में । हर मोड़ पे सन्नाटा होता हैं, उन सुनसान गलियों में । पर डर नहीं अंधकार का, ना डर किसी सन्नाटे का । डरती तो हैं लड़कियां, बोझ संभाले अपने सम्मान का ।। कही किसी ओर से कोई दिख भी जाता हैं, तो दिल में डर का पैग़ाम आता है। इज़्ज़त हूं घर की अकेले ना आना था, बस तब ये ही ख्याल आता हैं ।। इस डर के पीछे कमज़ोरी नहीं, ना उसकी सोच हैं । इस डर की सौगात तो बलात्कार हैं,जो होता रोज़-रोज़ हैं ।। ©Kaagzi_Lafz

#Dullness  डरती है क्यों लड़कियां रात में निकलने से?
कभी सोचा हैं?
हर मोड़ पे अंधकार का पहरा होता हैं, उन सुनसान गलियों में ।
हर मोड़ पे सन्नाटा होता हैं, उन सुनसान गलियों में ।
पर डर नहीं अंधकार का, ना डर किसी सन्नाटे का ।
डरती तो हैं लड़कियां, बोझ संभाले अपने सम्मान का ।।
कही किसी ओर से कोई दिख भी जाता हैं, तो दिल में डर का पैग़ाम आता है। 
इज़्ज़त हूं घर की अकेले ना आना था, बस तब ये ही ख्याल आता हैं ।।
इस डर के पीछे कमज़ोरी नहीं, ना उसकी सोच हैं ।
इस डर की सौगात तो बलात्कार हैं,जो होता रोज़-रोज़ हैं ।।

©Kaagzi_Lafz

STOP RAPE #Dullness

9 Love

तेरे भक्त हम कुछ ऐसे है भोले। बस तेरा नाम ही दिन रात बोले।। ©Kaagzi_Lafz

#Shiva  तेरे भक्त हम कुछ ऐसे है भोले।
बस तेरा नाम ही दिन रात बोले।।

©Kaagzi_Lafz

#Shiva

10 Love

तेरा इंतज़ार कर-कर के, मैं कभी नहीं थकता । तुझे तकने के खातिर, ये वक़्त क्यों नहीं थमता ? ©Kaagzi_Lafz

 तेरा इंतज़ार कर-कर के, मैं कभी नहीं थकता ।
तुझे तकने के खातिर, ये वक़्त क्यों नहीं थमता ?

©Kaagzi_Lafz

तेरा इंतज़ार कर-कर के, मैं कभी नहीं थकता । तुझे तकने के खातिर, ये वक़्त क्यों नहीं थमता ? ©Kaagzi_Lafz

8 Love

समंदर सी गहरी हैं ज़िन्दगी की ये डगर, और मछली की तरह हम उसमें खेलते उछलते हैं। डरते है कभी बड़ी मछलियों से, तो कभी अपनों से बिछड़ने से डर जाते हैैं।। कभी गुस्से की लहर तो कभी खींचती कोई डोर, भय और पछतावे की निशानी छोड़ जाती हैं। बढ़ती उम्र और अनुभव से समंदर सी ज़िन्दगी छोटी लगने लग जाती हैं।। ©Kaagzi_Lafz

#seashore  समंदर सी गहरी हैं ज़िन्दगी की ये डगर,
और मछली की तरह हम उसमें खेलते उछलते हैं।
डरते है कभी बड़ी मछलियों से,
तो कभी अपनों से बिछड़ने से डर जाते हैैं।।
कभी गुस्से की लहर तो कभी खींचती कोई डोर,
भय और पछतावे की निशानी छोड़ जाती हैं।
बढ़ती उम्र और अनुभव से समंदर सी ज़िन्दगी छोटी लगने लग जाती हैं।।

©Kaagzi_Lafz

#seashore

8 Love

हवाओं में भी तेरी खुशबू का एहसास पाते हैं। हर सुख, हर दुख में बस तेरे ख्याल आते हैं।। बेशक दूर हैं नज़रों से तेरी हम, पर आज भी हवाओं में तुझे रूबरू पाते है।। ©Kaagzi_Lafz

#कोट्स  हवाओं में भी तेरी खुशबू का एहसास पाते हैं।
हर सुख, हर दुख में बस तेरे ख्याल आते हैं।।
बेशक दूर हैं नज़रों से तेरी हम,
पर आज भी हवाओं में तुझे रूबरू पाते है।।

©Kaagzi_Lafz

काश! तेरी ओर ले जाए ये हवाएं

9 Love

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