मंजिल के करीब हूँ बेशक
पर मेरा सफर अधूरा है
तुम जो न हो साथ मेरे तो-
हर इक ख्वाब अधूरा है
बात नहीं होती अब बेशक-
पर किस्सा मेरा अधूरा है
तेरे आने से हो जाए मुकम्मल
जो अभी जिंदगानी अधूरा है
कर दो न मेरे ख्वाब पूरे-
तुम्हारे बिन मेरा
शख्सियत अधूरा है ।
#मेरा सफ़र अधूरा है!