इज़्ज़त का लिबास तो दोनों ने ही त्यागा था ,सिर्फ स्त्री ही वैश्या क्यूं कहलाई!! ©shashank aggarwal #Confusionमैं गिरता रहा ज़िंदगी भर और बो मà¥à¤à¥‡ उठकर चलना सिखात. मैं गिरता रहा ज़िंदगी भर और बो मà¥à¤à¥‡ उठकर चलना सिखाते रहे, दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूà¤à¤›à¤¾ कौन थे बो ...? मैंने कहा पिताजी। ख़à¥à¤¦ तन पर फ़टे कपड़े पहनकर ख़à¥à¤¶ रहे और हमें नठकपड़ें दिलाते रहे दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूà¤à¤›à¤¾ कौन थे बो...? मैंने कहा पिताजी। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने सपने भी देखे तो हमारी ख़à¥à¤¶à¥€ के ख़à¥à¤¦ रात भर जागे और हमें चैन की नीद सà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ रहे, दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूà¤à¤›à¤¾ कौन थे बो...? मैंने कहा पिताजी। ज़िनà¥à¤¦à¤—ी का सफ़र तय कर लिया नंगे पैरों ही ख़à¥à¤¦ काà¤à¤Ÿà¥‹ पर चले और हमें फूलों पर चलाते रहे, दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूà¤à¤›à¤¾ कौन थे बो...? मैंने कहा पिताजी। मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‹à¤‚ का सामना न करना पड़े हमें इसलिठमà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‹à¤‚ के पहाड़ अकेले ही ढहाते रहे, दोसà¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने पूà¤à¤›à¤¾ कौन थे बो ...? मैंने कहा पिताजी। पिताजी ...ðŸ™ðŸ™ Quotes, Shayari, Story, Poem, Jokes, Memes On Nojoto