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गाय का माखन, यशोधा का दुलार, ब्रह्माण्ड के सितारे कन्हैया का श्रृंगार सावन की बारिश और भादों की बहार नन्द के लाला को हमारा बार-बार नमस्कार कृष्णा जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाये शशांक अग्रवाल ©shashank aggarwal
shashank aggarwal
11 Love
जब तक जिस्म में सांसे थी तो अकेला था आज सांसे गई तो सब आ गए ©shashank aggarwal
6 Love
तुम जलन बरकरार रखना हम जलवे बरकार रखेंगे !! ©shashank aggarwal
8 Love
इज़्ज़त का लिबास तो दोनों ने ही त्यागा था ,सिर्फ स्त्री ही वैश्या क्यूं कहलाई!! ©shashank aggarwal
9 Love
बड़े अरमान थे मेरे नाम से मुझे लेकिन आज सिर्फ में हु। ©shashank aggarwal
10 Love
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